भइया, बक्सर में गंगा पर बन रहा ये बक्सर तीसरा गंगा पुल तो जैसे हमारे इलाके की किस्मत बदलने वाला है, जानते हो ना? सालों से हम लोग ट्रैफिक जाम में फंसे रहते थे, लेकिन अब ये प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है, और दिसंबर 2025 तक काफी काम हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने हाल ही में हवाई निरीक्षण किया, जिससे लगता है कि सरकार इसे समय पर पूरा करने के लिए जी-जान लगा रही है। इससे पटना से वाराणसी या लखनऊ जाना कितना आसान हो जाएगा, और हमारे जैसे आम आदमी को रोज की परेशानियां कम होंगी, वो भी 368 करोड़ की लागत से बन रहे इस पुल से।
अरे, ये 3.2 किलोमीटर लंबा तीन लेन वाला पुल एनएच-922 को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा, जिससे गाड़ियां फर्राटे से दौड़ेंगी और व्यापार बढ़ेगा। पुराने दो पुलों पर इतना बोझ है कि सुबह-शाम घंटों लग जाते हैं, लेकिन अब Connectivity इतनी मजबूत होगी कि लाखों लोग लाभान्वित होंगे, खासकर हमारे यूपी के भरौली वाले भाई-बहन। निर्माण अगस्त 2025 से शुरू हुआ और 2.5 साल में पूरा होने की उम्मीद है, मतलब 2028 तक हमारा इलाका और चमक उठेगा। ये Project न सिर्फ सड़कें जोड़ेगा, बल्कि हमारे गांवों में नई उम्मीदें भी जगाएगा, जैसे घर बैठे रोजगार के मौके बढ़ेंगे।
बक्सर तीसरा गंगा पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महत्वपूर्ण निरीक्षण
भइया, सोमवार को ही तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी हेलीकॉप्टर से बक्सर के इस गंगा पुल के निर्माण का हवाई Inspection कर लौटे, और हमारे जैसे आम लोगों को लगा कि सरकार सच में काम की गुणवत्ता पर नजर रख रही है। उनके साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी भी थे, जिन्होंने अधिकारियों को साफ-साफ कहा कि समय पर काम पूरा हो, वरना नहीं चलेगा। ये दौरा नावानगर के औद्योगिक क्षेत्र के दौरे के बीच हुआ, जहां उन्होंने वरुण बेवरेजेस, भारत प्लस इथेनॉल और एसएलएमजी बेवरेजेस जैसी Factories का जायजा लिया, और उत्पादन, विस्तार व रोजगार पर खुलकर बात की। इससे तो साफ झलकता है कि बिहार सरकार Development को कितनी गंभीरता से ले रही है, बस यही तो हम चाहते हैं ना, हमारे इलाके में नई जान फूंकने के लिए।
निरीक्षण के वक्त सीएम जी ने जोर देकर कहा कि ये पुल दिल्ली-वाराणसी-पटना Corridor को इतना मजबूत बनाएगा कि यात्रा में घंटों की बचत हो जाएगी, और अधिकारियों की रिपोर्ट सुनकर वो खुश नजर आए तो रफ्तार बढ़ाने के आदेश दे दिए। स्थानीय स्तर पर ये Initiative लोगों में जबरदस्त उत्साह भर रहा है, क्योंकि नई नौकरियां और व्यापार के मौके खुलने वाले हैं, खासकर हम यूपी-बिहार बॉर्डर वाले भाइयों के लिए। कुल मिलाकर, ये दौरा सरकार की Accountability का जीता-जागता सबूत है, जो हमें भरोसा दिलाता है कि सपने हकीकत बनेंगे, बस थोड़ा इंतजार और।
उत्तर प्रदेश से मजबूत कनेक्टिविटी का सपना साकार
अरे भइया, अब तो सपना सच होने वाला है – बक्सर से सीधे यूपी के भरौली तक नया गंगा Bridge जुड़ेगा, और पटना से वाराणसी या लखनऊ जाने में तीन-चार घंटे कम लगेंगे, सोचो कितनी राहत! अभी तो पुराने पुल पर सुबह-शाम जाम में फंस जाओ तो शाम हो जाती है, लेकिन ये नया पुल एनएच-922 को सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-लिंक एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। हमारे गाजीपुर, बलिया, आजमगढ़ वाले भाई-बहन तो खुशी से झूम रहे हैं, क्योंकि अब ट्रक वाले माल लेकर रात-दिन बिना रुके दौड़ सकेंगे। सीमा पार का व्यापार चमकेगा, और हमारी सब्जी-फल की गाड़ी भी जल्दी बाजार पहुंचेगी।
इसके साथ ही एलिवेटेड रोड और बड़ा सा रोटरी बन रहा है, जिससे गाड़ियां बिना रुके मुख्य Highway पर चढ़ जाएंगी, जाम का नामोनिशान नहीं रहेगा। गाजीपुर में जो इंटरचेंज पॉइंट बन रहा है, वो तो कमाल का है – वहां से दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता हर तरफ की Connectivity एकदम स्मूथ हो जाएगी। हमारे गांव के किसान भाई अब सुबह की ताजी फसल शाम तक वाराणसी-लखनऊ मंडी में पहुंचा देंगे, और दाम भी अच्छा मिलेगा। सच कहूं तो ये Integration सिर्फ सड़कें नहीं, दो राज्यों के दिलों को जोड़ने वाला है, और हम जैसे बॉर्डर वालों के लिए इससे बड़ा तोहफा और क्या हो सकता है!
आर्थिक उन्नति और रोजगार सृजन के गंगा पुल वाले Project नए द्वार
भइया, सोचो तो, बक्सर के इस गंगा पुल वाले Project से हमारे इलाके में कितने नए रोजगार के दरवाजे खुलने वाले हैं – बक्सर तीसरा गंगा पुल निर्माण के दौरान ही सैकड़ों मजदूर भाईयों को मजूरी मिलेगी, और जनवरी 2025 से शुरू हुए काम ने तो अभी तक दर्जनों को जोड़ा है। बाद में, जब सड़कें चिकनी हो जाएंगी, तो छोटे-मोटे दुकानदार और ठेले वाले व्यापार में तेजी लाएंगे, क्योंकि पटना-वाराणसी का रास्ता छोटा होने से ग्राहक बढ़ेंगे। नावानगर के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में तो कमाल हो रहा है, 126 एकड़ में दस-बारह नई Units लग रही हैं, जैसे वरुण बेवरेजेस और भारत प्लस इथेनॉल, जो हजारों नौकरियां पैदा करेंगी। हमारे यूपी बॉर्डर के युवा भाई अब घर से ही इंजीनियरिंग या लेबर का काम पा सकेंगे, बिना शहर भागे।
लंबे समय में ये पुल Trade को ऐसा धक्का देगा कि बिहार की जीडीपी में सीधा इजाफा होगा, माल ढुलाई की लागत 20-30 फीसदी कम हो जाएगी और बाजार दिल्ली-लखनऊ तक फैल जाएगा। ग्रामीण इलाकों के किसान अपनी फसल ट्रक से तेजी से मंडी पहुंचा सकेंगे, जिससे दाम स्थिर रहेंगे और गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी। सरकार का ये प्रयास Sustainable Growth का सच्चा मिसाल है, जैसा कि 2025 के इंडस्ट्रियल पैकेज में वादा किया गया, जहां 100 करोड़ के निवेश पर 1000 जॉब्स के लिए जमीन मुफ्त मिल रही है। सच कहूं, हम जैसे आम आदमी के लिए ये बदलाव जिंदगी का नया अध्याय लिख रहा है, बस थोड़ी मेहनत और चाहिए।
निर्माण की तकनीकी बारीकियां और प्रगति
यह तीन लेन वाला bridge कुल 3.2 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें 1.2 किलोमीटर मुख्य हिस्सा और बाकी अप्रोच रोड शामिल है। 40 मजबूत खंभों पर टिका यह structure आधुनिक इंजीनियरिंग का उदाहरण है, जिसमें आठ खंभे नदी के बीच में होंगे। मिट्टी परीक्षण के बाद मुख्य कार्य शुरू हो चुका है, और एजेंसी तेजी से आगे बढ़ रही है। लगभग 368 करोड़ के budget से यह परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मोड पर चल रही है।
निर्माण अवधि 910 दिनों की है, जो 2024 के केंद्रीय budget में घोषित हुई थी। दो बार टेंडर रद्द होने के बाद तीसरी कोशिश सफल रही, और जनवरी 2025 में काम शुरू हुआ। उत्तर प्रदेश छोर से कार्य तेजी से चल रहा है, और स्थिर नदी स्तर से फायदा हो रहा है। यह progress क्षेत्र के भविष्य को उज्ज्वल बना रहा है।
निष्कर्ष
बक्सर का तीसरा गंगा पुल न केवल एक इमारत है, बल्कि बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच bridge का प्रतीक है जो विकास की नई कहानी लिखेगा। यह परियोजना infrastructure की मजबूती से लेकर आर्थिक समृद्धि तक सब कुछ बदल देगी, और लोगों के जीवन को आसान बनाएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम समय पर इसे पूरा कर पाएंगे, ताकि लाखों की उम्मीदें खाली न जाएं।
इस project से मिलने वाले लाभों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि मजबूत connectivity ही सच्चा विकास का आधार है। पाठकों से अपील है कि वे इसकी प्रगति पर नजर रखें और स्थानीय स्तर पर योगदान दें। आखिर, एक बेहतर कल का निर्माण आज से ही शुरू होता है।
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