भाई, हमारे रामनगरी अयोध्या में अब Ring Road का काम जोरों पर है, जो शहर को नई रफ्तार देने वाला है। ये 68 किलोमीटर लंबी सड़क उत्तर प्रदेश सरकार और एनएचएआई की बड़ी योजना है, जिसमें करीब 3935 करोड़ रुपये लग रहे हैं, और ये हाइब्रिड एन्युटी मोड में बन रही है ताकि ट्रैफिक की परेशानी कम हो और तीर्थयात्रियों को आसानी हो। 2025 तक इसमें तेजी आई है, जैसे नॉर्दर्न बाइपास का 35 किलोमीटर हिस्सा सीगॉल इंडिया को मिला है, और दिसंबर तक कुछ हिस्से तैयार होने वाले हैं, जिससे लोकल लोग खुश हैं क्योंकि रोजमर्रा की जिंदगी सुधरेगी। ये प्रोजेक्ट न सिर्फ शहर को मजबूत बनाएगा, बल्कि आसपास के गांवों में भी नई उम्मीदें जगा रहा है, जैसे 52 गांवों में ग्रीन एक्सप्रेसवे के लिए जमीन ली जा रही है।
दोस्तों, इस Infrastructure से अयोध्या को लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज और रायबरेली से सीधी Connectivity मिलेगी, जो राम मंदिर आने वाले लाखों पर्यटकों के लिए वरदान साबित होगी। राम मंदिर खुलने के बाद ट्रैफिक बढ़ा है, लेकिन ये रिंग रोड जाम खत्म करेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, जैसे लोकल बिजनेस और नौकरियां बढ़ेंगी। एनएचएआई के मुताबिक, 2025 में वाराणसी तक हाई-स्पीड कॉरिडोर का प्लान भी चल रहा है, जो 192 किलोमीटर का होगा और लॉजिस्टिक्स को आसान बनाएगा। कुल मिलाकर, ये विकास हमारी पुरानी परंपराओं को आधुनिकता से जोड़ रहा है, और हम सबको इसका फायदा उठाना चाहिए ताकि अयोध्या दुनिया में चमके।
निर्माण कार्य में आई अपार गति: मील का पत्थर
भाई, हमारी रामनगरी अयोध्या में अयोध्या रिंग रोड का काम अब जमीन पर उतर आया है, जहां भारी-भरकम मशीनें और सैकड़ों भाई-बंधु दिन-रात पसीना बहा रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार प्रगति दोगुनी हो गई है, ये सब कुशल Planning और सटीक Execution का कमाल है, जो एनएचएआई की टीम ने दिखाया। अंबेडकरनगर हाईवे पर पहली बार Underpass की शक्ल नजर आने लगी है, जो यश पेपर मिल से सिरसिंडा गांव के लिंक रोड तक फैला हुआ है। इससे हमारे लोकल किसान भाइयों और दुकानदारों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि पुराने रास्तों पर अब वो बेकार की रुकावटें कम हो जाएंगी, और खेतों से बाजार तक का सफर आसान हो जाएगा।
देखो दोस्तों, एनएचएआई वाले भाई लोग Inspection के दौरान खुद कह रहे हैं कि ये फेज तय वक्त से पहले ही खत्म हो सकता है, क्योंकि बस्ती जिले में 41 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है और निर्माण फरवरी 2025 से जोर पकड़ लिया। कुल 16 Underpasses और सात फ्लाईओवर इसी रफ्तार से बन रहे हैं, जो शहर की आवाजाही को एकदम नया मोड़ दे देंगे। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि ऐसी योजनाएं ट्रैफिक कंट्रोल के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने में भी मदद करेंगी, जैसे कम प्रदूषण और हरा-भरा इलाका। अयोध्या के हम सब अब इस प्रोग्रेस को देखकर भविष्य के सपनों से जुटे हुए हैं, लगता है राम जी का आशीर्वाद है।
अयोध्या-अंबेडकरनगर हाईवे: यातायात की नई सुविधा का प्रतीक
भाई, हमारी रामनगरी अयोध्या से अंबेडकरनगर हाईवे पर ये नया Underpass उभरना इस पूरे प्रोजेक्ट की पहली जीत का संकेत है, जो आने-जाने वालों को बिना रुके सीधी राह देगा। नयाघाट से दशरथ समाधि तक के फोरलेन रोड के ऊपर ये बनेगा, जो ओवरब्रिज की तरह काम करेगा और Traffic Flow को एकदम चिकना बना देगा। एनएचएआई वाले भाई लोग हाई क्वालिटी मटेरियल और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से इसे इतना मजबूत बना रहे हैं कि सालों-साल बिना किसी झंझट के चलेगा। लोकल भाई-बहनों का कहना है कि रोज की यात्रा में घंटों की बचत होगी, और एक्सीडेंट्स भी कम हो जाएंगे, खासकर राम मंदिर आने वाले भक्तों के लिए ये वरदान जैसा है।
देखो दोस्तों, इस Underpass के तैयार होते ही आसपास के गांवों में Economic Boost आ जाएगा, क्योंकि ट्रक और व्यापारिक गाड़ियां बिना रुकावट के दौड़ेंगी। एनएचएआई के इंजीनियरों ने Survey के बाद डिजाइन बनाया है, जो आने वाले दिनों की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखता है, जैसे NH-135A पर तीन बाईपास के लिए 1200 किसानों को नोटिस दे दिया गया है। ये सिर्फ अयोध्या को नहीं जोड़ेगा, बल्कि पूरे इलाके की पहुंच को नई जान डालेगा। कुल मिलाकर, ये छोटा सा हिस्सा बड़े बदलाव की शुरुआत बता रहा है, और हम सबको इसका इंतजार है।
सरयू नदी पर पुल 4,200 मीटर लंबे : कनेक्टिविटी का मजबूत पुल
भाई, हमारी पवित्र सरयू नदी पर दो मजबूत Bridges बन रहे हैं, जो Ring Road को बस्ती और गोंडा जिले से जोड़ देंगे, कुल 4200 मीटर लंबे ये पुल रामपुर हलवारा से शुरू होकर एनटीपीसी के 40 मेगावाट सोलर प्लांट के बीच से गुजरेंगे, जो 165 हेक्टेयर में फैला हुआ है और शहर की 25-30 प्रतिशत बिजली दे रहा है। इससे सोहावल की मंगलसी ग्राम पंचायत के रमपुरवा मजरे तक का रास्ता इतना आसान हो जाएगा कि लगेगा नदी पार करना बच्चों का खेल है। फोरलेन डिजाइन वाले ये Structures भारी-भरकम ट्रकों का वजन आसानी से सह लेंगे, और एनएचएआई वाले ग्रीन मटेरियल से इन्हें बना रहे हैं, ताकि हमारी सरयू मां का जल बिल्कुल साफ रहे। राम मंदिर दर्शन के लिए आने वाले लाखों भक्तों को ये सुरक्षित रास्ता देगा, खासकर 2025 में जब पर्यटन चरम पर है, और सोलर सिटी प्लान के तहत ये सब इको-फ्रेंडली हो रहा है।
देखो दोस्तों, गोंडा की तरबगंज तहसील से ढेमवा पुल की दूरी अब बस एक किलोमीटर रह जाएगी, जिससे सफर का समय घंटों से घटकर मिनटों में हो जाएगा, और पुराने ऐमवा पुल के साथ मिलकर ये Bridges पूरे इलाके का Transport नेटवर्क एकदम लोहे का बना देंगे। अधिकारी भाई लोग बता रहे हैं कि Safety Measures जैसे ऊंची रेलिंग और ब्राइट लाइटिंग सिस्टम पहले से ही डिजाइन में हैं, ताकि शाम ढलते ही भी कोई घबराहट न हो। नदी किनारे बसे हमारे छोटे-छोटे गांवों को ये नई सांस देगा, जहां किसान भाई अपनी धान-गेहूं की फसलें बाजार तक तेजी से भेज सकेंगे, क्योंकि यहां की कमर तो खेती पर टिकी है। कुल मिलाकर, ये पुल कनेक्टिविटी का मजबूत सेतु बनकर अयोध्या को चमकाएंगे, और हम सबको गर्व होगा इस विकास पर।
4 हाईवेज से जुड़ाव: व्यापक नेटवर्क का विस्तार
भाई, हमारी अयोध्या का ये Ring Road 4 बड़े Highways से सीधा जुड़ेगा – अयोध्या-गोरखपुर, प्रयागराज, रायबरेली और अंबेडकरनगर वाले रोड, जिससे पूरा इलाका एक मजबूत नेटवर्क में बंध जाएगा। लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट या नए अयोध्या एयरपोर्ट से आने वाले पर्यटक और भक्त अब शहर के अंदर घूमे बिना सीधे राम मंदिर या अपने गांव तक पहुंच जाएंगे, जाम की टेंशन खत्म। साथ ही चार रेलवे ओवरब्रिज बन रहे हैं, जो वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ और मंकापुर रेल लाइनों को क्रॉस करेंगे, और Logistics को इतना आसान बना देंगे कि माल ढुलाई में समय और पैसा दोनों बचेगा। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ऐसी Integration से गाड़ियों का ईंधन कम लगेगा, प्रदूषण घटेगा और हमारी हवा थोड़ी साफ रहेगी, जो राम जी की नगरी के लिए बहुत जरूरी है।
दोस्तों, हमारे इलाके के व्यापारी भाइयों को तो सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि माल अब तेजी से और सस्ते में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचेगा, बिजनेस बढ़ेगा। एनएचएआई की Strategy में जमीन अधिग्रहण को कम से कम रखा गया है, ताकि किसान भाइयों को ज्यादा परेशानी न हो, और जो मुआवजा मिल रहा है वो भी समय पर मिले। ये प्रोजेक्ट कुल 936 किलोमीटर के आठ बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग योजनाओं का हिस्सा है, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका वजन है। अयोध्या अब एक बड़ा Hub बनने जा रही है, जहां नौकरियां आएंगी, बाजार चमकेंगे और हम सबको रोजगार के नए रास्ते दिखेंगे, चलो मिलकर इसे सपना सच होने दें।
निष्कर्ष: अयोध्या का सुनहरा भविष्य
अयोध्या ring road परियोजना न केवल यातायात की समस्या हल करेगी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को नई गति देगी। यह infrastructure का चमत्कार शहर को वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा, जहां लाखों तीर्थयात्री बिना किसी असुविधा के दर्शन कर सकेंगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम इस progress को सतत विकास के साथ जोड़ पाएंगे, ताकि पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति सुरक्षित रहे? यह परियोजना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आधुनिकता और परंपरा का संतुलन कैसे बनाए रखें।
कुल मिलाकर, यह project अयोध्या को एक आदर्श मॉडल बना सकता है, जहां connectivity और sustainability साथ-साथ चलें। निवासियों और अधिकारियों को मिलकर इसे सफल बनाने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इसका लाभ उठा सकें। क्या आप तैयार हैं इस परिवर्तन का हिस्सा बनने के लिए?
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