127.87 करोड़ रुपये की लागत से गोरखनाथ ओवरब्रिज गोरखपुर: 700 टन गर्डर लगाया गया, 10 दिसंबर तक पूरा होगा निर्माण

By Apex@Infra

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गोरखनाथ ओवरब्रिज गोरखपुर

भाइयो और बहनों, हमारे गोरखपुर शहर में गोरखनाथ ओवरब्रिज गोरखपुर का काम अब आखिरी दौर में पहुंच चुका है, जहां 127.87 करोड़ रुपये की लागत से ये प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। हाल ही में 700 टन का भारी गर्डर लगाया गया है, और रेलवे की तरफ से ब्लॉक लेकर तेजी से काम चल रहा है, जो 10 दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। सीएम योगी जी खुद नवंबर में इंस्पेक्शन करके समय पर पूरा करने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि जनवरी से ट्रैफिक शुरू हो सके। ये पुल न सिर्फ जाम से छुटकारा दिलाएगा, बल्कि हमारे दैनिक जीवन को आसान बनाकर शहर की तरक्की में बड़ा रोल निभाएगा, जैसे कि गोरखनाथ मंदिर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ाएगा।

दोस्तों, सेतु निर्माण निगम के एक्सपर्ट्स ने इस Infrastructure को मजबूत बनाने में दिन-रात एक कर दिया है, जहां Construction की हर बारीकी पर ध्यान दिया जा रहा है। ये पुल अब गोरखपुर की प्रगति की कहानी का हिस्सा बन चुका है, जो आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार देगा और स्थानीय लोगों की भागीदारी से और मजबूत हो रहा है। वर्षों से चली आ रही ट्रैफिक की समस्या अब खत्म होने वाली है, क्योंकि टीमवर्क और इंजीनियरिंग का कमाल यहां साफ दिख रहा है। शहरवासी इस विकास से बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि ये हमारे इलाके की अपनापन वाली पहचान को और मजबूत करेगा, और रोजमर्रा की यात्रा को सुगम बनाएगा।

गर्डर स्थापना: तकनीकी चमत्कार की झलक

भाइयो-बहनों, हमारे गोरखपुर के Gorakhnath Overbridge पर अभी-अभी 700 टन से भी ज्यादा वजनी गर्डर लगाने का काम पूरा हुआ है, और ये देखकर तो दिल गदगद हो गया! इतना भारी-भरकम स्टील का टुकड़ा, जो ट्रक से भी कई गुना भारी है, उसे रातों-रात क्रेन की मदद से हवा में उड़ाते हुए बिल्कुल सेंटीमीटर की सटीकता से अपनी जगह पर फिट कर दिया गया। इंजीनियर भाइयों ने Precision का ऐसा कमाल दिखाया कि कोई हादसा नहीं, कोई रुकावट नहीं, सब कुछ परफेक्ट! ये नजारा देखकर तो मजदूर भाई भी तालियां बजाने लगे, क्योंकि अब पुल का असली कंकाल तैयार हो चुका है।

दोस्तों, ये पूरा ऑपरेशन रेलवे के सहयोग से सिर्फ कुछ घंटों के ब्लॉक में निपटा लिया गया, जिसमें विशाल क्रेन और हाइड्रोलिक जैक ने कमाल कर दिखाया। गर्डर को पहले ऊपर उठाया गया, फिर धीरे-धीरे नीचे उतारकर पिलर पर सेट किया गया, जैसे कोई बच्चा खिलौना जोड़ रहा हो। इस Installation ने न सिर्फ समय बचाया बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक नया मिसाल कायम कर दिया है। गोरखपुर जैसे धार्मिक और व्यस्त शहर में इतनी बड़ी तकनीकी सफलता देखकर गर्व होता है, अब तो बस 10 दिसंबर का इंतजार है जब हम सब इस पुल पर गाड़ी दौड़ाएंगे!

गोरखनाथ ओवरब्रिज गोरखपुर
गोरखनाथ ओवरब्रिज गोरखपुर

निर्माण चुनौतियां: कैसे पार की गईं बाधाएं

भाइयो-बहनों, हमारे गोरखपुर के Gorakhnath Overbridge पर काम करते वक्त कई मुश्किलें आईं, जैसे तेज बारिश और धुंध भरी सर्दियां जो काम को रुकवा देतीं, या फिर स्टील जैसी सामग्री की कमी जो सप्लाई चेन में अटक जाती। लेकिन हमारी टीम ने रणनीतिक प्लानिंग से सब संभाल लिया, जैसे बैकअप मटेरियल स्टोर करके और मौसम के हिसाब से शिफ्ट बढ़ाकर, ताकि प्रोजेक्ट निर्बाध चले। स्थानीय मजदूर भाइयों की दिन-रात मेहनत ने तो कमाल कर दिया, जो सुबह से शाम तक पसीना बहाकर प्रोग्रेस को तेज रखे। ये सब Challenges पार करने का राज है कोलैबोरेशन, जहां हर कोई अपना रोल निभाकर शहर की तरक्की में योगदान दे रहा है।

दोस्तों, सबसे बड़ी रुकावट तो रेलवे ट्रैक के ऊपर काम करना था, जहां ट्रेनों की आवाजाही के कारण सिर्फ सीमित समय के ब्लॉक मिलते, लेकिन बेहतरीन कोऑर्डिनेशन से रेलवे और PWD ने मिलकर टाइमिंग फिक्स की, जिससे जोखिम कम हुआ और काम की स्पीड बढ़ी। पुरानी रिपोर्ट्स बताती हैं कि ऐसे प्रोजेक्ट्स में सालों की देरी हो जाती है, मगर यहां सीएम योगी जी के इंस्पेक्शन से सब कुछ समय पर हो गया। ये Coordination न सिर्फ efficiency लाई, बल्कि गोरखपुर के आने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए एक बड़ा सबक भी बन गया, जहां हम सब मिलकर बाधाओं को हंसकर पार करेंगे।

समयसीमा का अनुपालन: दिसंबर तक की उम्मीदें

भाइयो-बहनों, आज 6 दिसंबर 2025 को हमारा गोरखपुर का Gorakhnath Overbridge प्रोजेक्ट अपनी आखिरी सांसें ले रहा है, जहां सेतु निगम ने 10 दिसंबर तक पूरा करने का वादा किया है, जो उनके Commitment का जीता-जागता सबूत है। लेटेस्ट अपडेट्स से पता चलता है कि कमीशनिंग वर्क 2 से 5 दिसंबर तक चल चुका है, और रेलवे सेफ्टी कमिश्नर का इंस्पेक्शन बाकी है, जिससे सब कुछ ट्रैक पर लग रहा। बचे हुए रीइन्फोर्समेंट और कंक्रीटिंग के काम पर तेजी आई है, दो शिफ्टों में मजदूर भाई पसीना बहा रहे हैं ताकि कोई देरी न हो। शहर के लोग इस टाइमलाइन को लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि जल्द ही जाम से आजादी मिलेगी और गोरखनाथ मंदिर की यात्रा आसान हो जाएगी।

दोस्तों, पुल पूरा होते ही Load Testing की बारी आएगी, जहां रेलवे के अफसर सख्त निगरानी रखेंगे ताकि हर कोना सुरक्षित हो और ये संरचना दशकों तक खड़ी रहे। इंस्पेक्शन क्लियर होते ही जनवरी तक ट्रैफिक शुरू हो जाएगा, जैसा कि सीएम योगी जी के दिशानिर्देशों से साफ है। ये पारदर्शिता न सिर्फ विश्वास जगाती है, बल्कि गोरखपुर जैसे व्यस्त शहर के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। हम सब मिलकर इस सफलता का जश्न मनाएंगे, क्योंकि ये पुल हमारी मेहनत और एकजुटता का फल है।

स्थानीय जीवन पर प्रभाव: एक नया अध्याय

भाइयो-बहनों, आज 6 दिसंबर 2025 को हमारा गोरखपुर का Gorakhnath Overbridge प्रोजेक्ट अपनी आखिरी सांसें ले रहा है, जहां सेतु निगम ने 10 दिसंबर तक पूरा करने का वादा किया है, जो उनके Commitment का जीता-जागता सबूत है। लेटेस्ट अपडेट्स से पता चलता है कि कमीशनिंग वर्क 2 से 5 दिसंबर तक चल चुका है, और रेलवे सेफ्टी कमिश्नर का इंस्पेक्शन बाकी है, जिससे सब कुछ ट्रैक पर लग रहा। बचे हुए रीइन्फोर्समेंट और कंक्रीटिंग के काम पर तेजी आई है, दो शिफ्टों में मजदूर भाई पसीना बहा रहे हैं ताकि कोई देरी न हो। शहर के लोग इस टाइमलाइन को लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि जल्द ही जाम से आजादी मिलेगी और गोरखनाथ मंदिर की यात्रा आसान हो जाएगी।

दोस्तों, पुल पूरा होते ही Load Testing की बारी आएगी, जहां रेलवे के अफसर सख्त निगरानी रखेंगे ताकि हर कोना सुरक्षित हो और ये संरचना दशकों तक खड़ी रहे। इंस्पेक्शन क्लियर होते ही जनवरी तक ट्रैफिक शुरू हो जाएगा, जैसा कि सीएम योगी जी के दिशानिर्देशों से साफ है। ये पारदर्शिता न सिर्फ विश्वास जगाती है, बल्कि गोरखपुर जैसे व्यस्त शहर के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। हम सब मिलकर इस सफलता का जश्न मनाएंगे, क्योंकि ये पुल हमारी मेहनत और एकजुटता का फल है।

Gorakhnath Overbridge Gorakhpur Map

निष्कर्ष: विकास की राह पर एक कदम आगे

गोरखनाथ ओवरब्रिज का निर्माण न केवल एक engineering उपलब्धि है, बल्कि गोरखपुर की प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़। इस project से यातायात की पुरानी समस्याएं हल होंगी और नई संभावनाएं खुलेंगी, जो शहर को मजबूत बनाएंगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम ऐसे विकास को बनाए रख पाएंगे? स्थानीय सहयोग और सरकारी प्रयासों से ही यह संभव है।

अंततः, यह पुल हमें याद दिलाता है कि धैर्य और योजना से कोई सपना असंभव नहीं। sustainability पर ध्यान देकर हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर legacy छोड़ सकते हैं। क्या आप भी इस बदलाव का हिस्सा बनने को तैयार हैं? सोचिए, क्योंकि गोरखपुर का कल आपके हाथों में है।

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Apex@Infra

House Construction Cost Calculator टूल को तैयार करने वाले हैं राम नारायण जी, जो निर्माण क्षेत्र (Construction Field) में पिछले 3 सालों से अधिक अनुभव रखते हैं। राम नारायण जी ने अपने अनुभव के दौरान देखा कि भारत में घर या सड़क निर्माण करवाने वाले ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि निर्माण कार्य में कितनी मात्रा में मटेरियल (ईंट, सीमेंट, रेत, स्टील) की आवश्यकता होगी और उसकी अनुमानित लागत कितनी आएगी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस टूल को Apexinfra.co.in वेबसाइट पर विकसित किया ताकि हर व्यक्ति को अपने प्रोजेक्ट की जानकारी सरल भाषा में मिल सके। राम नारायण जी का उद्देश्य — “मैंने यह टूल इसलिए बनाया ताकि भारत में घर या सड़क निर्माण करने वाला कोई भी व्यक्ति सटीक और पारदर्शी जानकारी प्राप्त कर सके। मेरा उद्देश्य है कि हर यूज़र को अपनी परियोजना की लागत और मटेरियल की स्पष्ट समझ मिले ताकि वह अपने पैसे और समय का सही उपयोग कर सके।” Apex Infra भारत की एक भरोसेमंद वेबसाइट है जो निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी टूल्स के क्षेत्र में उपयोगी डिजिटल समाधान प्रदान करती है। इस वेबसाइट का मकसद है कि हर आम व्यक्ति को निर्माण से जुड़ी सही जानकारी और डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यह टूल उसी दिशा में एक कदम है — टेक्नोलॉजी के ज़रिए पारदर्शिता और ज्ञान फैलाने का।

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